वार्षिक लेखन प्रतियोगिता कहानी :-2:- चाय की टपरी
वार्षिक लेखन प्रतियोगिता कहानी 2:- चाय की टपरी:-
अनुज हमेशा की तरह आज भी उस छोटी सी चाय की टपरी पर चाय पीने रुका। मन ही मन सोच रहा था कुछ तो ख़ास बात है इस चायवाले में, जो इतनी प्यारी चाय बनाता है, कि जी चाहता है इसके हाथ चूम लूं। अरे यह क्या आज तो चायवाले के साथ एक छोटा सा बच्चा भी खड़ा है। अनुज उसे निहारता रहा।
तभी वह छोटा बच्चा अपने नन्हें नन्हें हाथों में चाय का कप लेकर उसके पास आया। अनुज ने बड़े प्यार से उससे पूछा -" क्या तुम पढ़ाई नहीं करते?" बच्चे ने बताया -" भैया मुझे पढ़ना बहुत पसंद है, लेकिन पापा मुझे पढ़ने नहीं भेज रहे। अनुज ने जब चाय वाले से बात की तो पता चला उसकी इतनी कमाई नहीं कि उसके नन्हें से बच्चे के पढ़ाई के सपने को पूरा कर सके। अनुज ने दोनों की सहायता करने की बात मन में ठानी।
वह कॉलेज गया और अपने समूह के लोगों एवम मित्रों से इस विषय में चर्चा की। कॉलेज से चायवाले भैया को कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया। कुछ दिन बाद फिर से उसी चाय की टपरी पर चाय पीने बैठा कि नन्हा बच्चा उसके पास आया। अनुज ने उससे पूछा -" क्या हुआ अब भी स्कूल पढ़ने नहीं जा रहे क्या?" बच्चे ने कहा -" जाता हूं भैया आज आपको धन्यवाद बोलने आया हूं। आपने मेरे पापा की और मेरी जो सहायता की है उसके लिए।"
अनुज ने चायवाले की ओर देखा दोनों एक दूसरे की ओर मुस्कुराए और अनुज ने चाय की टपरी से विदा ली।
𝐆𝐞𝐞𝐭𝐚 𝐠𝐞𝐞𝐭 gт
01-Mar-2022 06:38 PM
👌a short cute story
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Swati Sharma
01-Mar-2022 07:06 PM
Thank you
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